बुधवार, 18 जून 2025

हैपाटाइटिस क्या है? लक्षण, कारण, प्रकार, बचाव और उपचार

हैपाटाइटिस: कारण, प्रकार, लक्षण, बचाव और उपचार

प्रस्तावना

आज के समय में जीवनशैली में बदलाव, खानपान की गड़बड़ी और संक्रमण के कारण कई बीमारियाँ बढ़ रही हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक गंभीर रोग है — हैपाटाइटिस। यह एक ऐसा रोग है जो सीधे हमारे लीवर (यकृत) को प्रभावित करता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इस लेख में हम हैपाटाइटिस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे — इसके प्रकार, कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में।


हैपाटाइटिस क्या है?

हैपाटाइटिस शब्द का अर्थ है — यकृत (लिवर) में सूजन। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया, विषैले पदार्थ (जैसे शराब, दवाइयाँ), ऑटोइम्यून रोग, या अन्य कारणों से हो सकती है। यकृत हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन, ऊर्जा संग्रहण, विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करने, और प्रतिरक्षा प्रणाली में मदद करता है। जब यकृत में सूजन हो जाती है, तो ये कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

हैपाटाइटिस के प्रकार, लक्षण और उपचार की जानकारी"
हैपेटाइटिस के कारण प्रभावित यकृत (लीवर) का चित्र।"

हैपाटाइटिस के प्रकार

हैपाटाइटिस कई प्रकार के होते हैं, लेकिन आमतौर पर इन्हें 5 प्रमुख वर्गों में बांटा गया है:


1. हैपाटाइटिस A (HAV)

कारण: हैपाटाइटिस A वायरस से होता है।

संक्रमण का माध्यम: दूषित भोजन और पानी।

लक्षण: हल्का बुखार, उल्टी, थकान, पेट दर्द, भूख न लगना, गहरे रंग का पेशाब, और पीलिया।

उपचार: आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है। गंभीर नहीं होता।

बचाव: स्वच्छता बनाए रखना और वैक्सीन लगवाना।


2. हैपाटाइटिस B (HBV)

कारण: हैपाटाइटिस B वायरस।

संक्रमण का माध्यम: खून, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई।

लक्षण: लंबे समय तक थकान, बुखार, पीलिया, पेट में सूजन

उपचार: एंटीवायरल दवाइयां दी जाती हैं।

जोखिम: यह दीर्घकालिक (क्रॉनिक) रूप ले सकता है और लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर का कारण बन सकता है।

बचाव: हैपाटाइटिस B का टीका उपलब्ध है।


3. हैपाटाइटिस C (HCV)

कारण: हैपाटाइटिस C वायरस।

संक्रमण का माध्यम: खून के संपर्क से, संक्रमित सुई, अंग प्रत्यारोपण।

लक्षण: शुरुआत में लक्षण नहीं दिखते, लेकिन बाद में लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

उपचार: एंटीवायरल दवाइयों से इलाज संभव है।

बचाव: अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।


4. हैपाटाइटिस D (HDV)

कारण: हैपाटाइटिस D वायरस, जो केवल उन्हीं लोगों को संक्रमित करता है जिन्हें पहले से हैपाटाइटिस B है।

संक्रमण का माध्यम: खून के संपर्क से।

लक्षण: हैपाटाइटिस B से अधिक गंभीर लक्षण।

उपचार: सीमित है।

बचाव: हैपाटाइटिस B के टीके से अप्रत्यक्ष बचाव होता है।


5. हैपाटाइटिस E (HEV)

कारण: हैपाटाइटिस E वायरस।

संक्रमण का माध्यम: दूषित जल व भोजन।

लक्षण: पीलिया, भूख न लगना, कमजोरी।

खतरा: गर्भवती महिलाओं में यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

उपचार: प्रायः खुद ही ठीक हो जाता है।

बचाव: स्वच्छता और सुरक्षित भोजन।


हैपाटाइटिस के सामान्य लक्षण

भूख कम लगना

जी मिचलाना या उल्टी

थकान और कमजोरी

पेट में दर्द या सूजन

आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)

गहरे रंग का पेशाब

हल्का बुखार


हैपाटाइटिस का निदान

हैपाटाइटिस के निदान के लिए निम्नलिखित जांच की जाती हैं:

रक्त परीक्षण (लिवर फंक्शन टेस्ट, वायरस के एंटीबॉडीज)

अल्ट्रासाउंड

लीवर बायोप्सी (कुछ मामलों में)


हैपाटाइटिस का उपचार

एक्यूट (तीव्र) हैपाटाइटिस के लिए अक्सर आराम, पौष्टिक भोजन, और दवाइयां दी जाती हैं।

क्रॉनिक (दीर्घकालिक) हैपाटाइटिस के लिए एंटीवायरल दवाइयां दी जाती हैं।

हेपाटाइटिस B और C के लिए अब कई प्रभावी दवाइयां उपलब्ध हैं।

लीवर डैमेज ज्यादा बढ़ जाने पर लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है।


हैपाटाइटिस से बचाव

1. टीकाकरण (वैक्सीनेशन): हैपाटाइटिस A और B के लिए प्रभावी टीके मौजूद हैं।

2. सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखें।

3. सुई और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान सावधानी।

4. दूषित भोजन और पानी से बचाव।

5. स्वच्छता का पालन — हाथ धोना, उबला हुआ पानी पीना।


निष्कर्ष

हैपाटाइटिस एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। जागरूकता, समय पर जांच और सावधानी बरतकर हम इससे बच सकते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह लीवर फेलियर, सिरोसिस और यहां तक कि लीवर कैंसर तक ले जा सकता है। इसलिए आवश्यक है कि हम समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं और अपने जीवनशैली में सुधार करें।

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