चिकनगुनिया (Chikungunya) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्यतः मच्छरों के से फैलता है। यह बीमारी अक्सर डेंगू के लक्षणों से मिलती-जुलती होती है लेकिन इसमें जोड़ो का दर्द ज़्यादा गंभीर होता है। नीचे इसके कारण, लक्षण और उपचार दिए गए हैं:
चिकनगुनिया होने का कारण:-
वायरस का कारण:
चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) नामक वायरस से होता है। -
मच्छर द्वारा फैलाव:
Aedes aegypti और Aedes albopictus नामक संक्रमित मच्छरों के काटने से यह वायरस फैलता है। -
संक्रमित व्यक्ति से फैलाव:
जब कोई मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटकर फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वायरस फैलता है। -
बरसात के मौसम में जोखिम अधिक:
बारिश में पानी जमा होने से मच्छरों का प्रजनन होता है जिससे बीमारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
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| चिकगुनिया से पंए तुरंत राहत |
चिकनगुनिया के लक्षण:
- तेज बुखार (अचानक)
- गंभीर जोड़ों का दर्द (विशेषकर हाथ-पैर, घुटनों, कंधों और पीठ में)
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान और कमजोरी
- सिरदर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते या दाने
- उल्टी या मतली (कभी-कभी)
- आंखों में जलन या लालिमा
चिकनगुनिया का उपचार:
इसका कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
1. घरेलू देखभाल:
- आराम करें – शरीर को भरपूर आराम दें।
- पानी पिएं – शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- हर्बल टी या सूप – तुलसी, अदरक, गिलोय आदि का काढ़ा फायदेमंद हो सकता है।
2. दवाइयाँ (लक्षण अनुसार):
- बुखार व दर्द के लिए पेरासिटामोल लें।
एस्पिरिन या आईबुप्रोफेन का सेवन न करें, क्योंकि ये रक्तस्राव बढ़ा सकते हैं।
3. जोड़ों के दर्द के लिए:
- गुनगुने पानी से सिकाई करें।
- आयुर्वेदिक तेल जैसे महाभृंगराज तेल या नारियल तेल से मालिश करें।
- बचाव के उपाय:
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
- मच्छरों से बचाव के लिए रेपेलेंट का उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर, गमले, टायर आदि की सफाई करें

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