गुरुवार, 12 जून 2025

लिकोरिया (सफेद पानी) का घरेलू इलाज – कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

लिकोरिया (Leucorrhoea) क्या है?

लिकोरिया, जिसे आमतौर पर "सफेद पानी गिरना" कहा जाता है, महिलाओं की योनि (Vagina) से एक प्रकार का सफेद या पीला गाढ़ा स्राव (Discharge) होता है। हल्का सा स्राव मासिक धर्म चक्र के दौरान सामान्य होता है, परंतु जब यह अत्यधिक, बदबूदार, चिपचिपा, या पीले/हरे रंग का हो जाए और जलन, खुजली जैसी समस्याएँ भी हों, तो यह किसी संक्रमण या बीमारी का संकेत हो सकता है।

महिलाओं में लिकोरिया का इलाज और घरेलू उपाय चित्र
यह सेक्शन लिकोरिया के लक्षणों की जानकारी देता है...

लिकोरिया के प्रकार

1. फिजियोलॉजिकल लिकोरिया (Physiological leucorrhoea):

यह सामान्य प्रकार का स्राव होता है जो हॉर्मोनल परिवर्तन, यौन उत्तेजना, ओवुलेशन या प्रेगनेंसी के समय होता है।


2. पैथोलॉजिकल लिकोरिया (Pathological leucorrhoea):

यह स्राव किसी संक्रमण (फंगल, बैक्टीरियल या वायरल), यौन रोग या किसी गर्भाशय/योनि की बीमारी के कारण होता है।


लिकोरिया के मुख्य कारण

फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण (Candida, Trichomonas, etc.)

पर्सनल हाइजीन की कमी

बार-बार गर्भपात या अधिक गर्भधारण

यौन संक्रमित रोग (STD)

हॉर्मोनल असंतुलन

अत्यधिक तनाव, चिंता, या मानसिक थकावट

अत्यधिक मसालेदार, तला-भुना या बासी भोजन

विटामिन और पोषण की कमी

पीरियड्स की अनियमितता


लक्षण (Symptoms)

योनि से सफेद, पीला या हरा स्राव

स्राव के साथ बदबू आना

योनि में जलन, खुजली या जलन का अनुभव

कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द

कमजोरी, चक्कर आना

थकावट और चिड़चिड़ापन

भूख में कमी

पैरों में भारीपन या दर्द


घरेलू उपचार (Home Remedies)

नोट: अगर लक्षण अधिक गंभीर हों तो घरेलू उपाय के साथ डॉक्टर की सलाह भी ज़रूरी है।


1. धनिया के बीज (Coriander Seeds)

रात को 1 चमच धनिया बीज एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर खाली पेट पिएँ। यह संक्रमण को कम करता है।


2. मेथी के बीज (Fenugreek Seeds)

2 चमच मेथी बीज को 1 लीटर पानी में उबालें, छानकर दिन में दो बार पिएँ। यह संक्रमण और सूजन को कम करता है।


3. अमला (Gooseberry)

अमला पाउडर और शहद मिलाकर नियमित सेवन करने से इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और स्राव नियंत्रित होता है।


4. केला और देशी घी

पका हुआ केला घी के साथ खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और कमजोरी दूर होती है।


5. चावल का पानी (Rice Water)

चावल का मांड़ या पानी लिकोरिया में उपयोगी होता है। इसे दिन में एक बार पिएँ।


आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद में लिकोरिया को “श्वेत प्रदर” कहा गया है। यह वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन के कारण होता है। निम्नलिखित आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ कारगर मानी जाती हैं:

अशोकारिष्ट

लोध्रासव

पुष्यानुग चूर्ण

शतावरी

गिलोय


इनका सेवन प्रशिक्षित वैद्य की सलाह से करें।


लिकोरिया से बचाव के उपाय

हमेशा साफ और सूती अंडरगारमेंट्स पहनें।

रोजाना प्राइवेट पार्ट्स की सफाई करें, पर अत्यधिक साबुन या केमिकल उत्पादों का प्रयोग न करें।

बासी, खट्टा, मसालेदार और फास्ट फूड से बचें।

तनाव और चिंता से दूर रहें।

योग और प्राणायाम करें – विशेषकर “भुजंगासन”, “सेतु बंधासन”, और “अनुलोम विलोम”।

अधिक पानी पिएँ – कम से कम 2-3 लीटर रोज।

जननांग क्षेत्र को हमेशा सूखा रखें।


डॉक्टर से कब मिलें?

यदि निम्न लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:

स्राव का रंग पीला, हरा या गाढ़ा हो जाए।

तेज़ दुर्गंध हो।

योनि में तेज़ खुजली, जलन या सूजन हो।

बुखार या कमजोरी बढ़ जाए।

यौन संबंध के दौरान दर्द हो।


निष्कर्ष (Conclusion)

लिकोरिया एक आम लेकिन नज़रअंदाज़ न करने वाली समस्या है। यह न केवल शरीर की आंतरिक स्थिति का संकेत देता है, बल्कि महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। यदि इसका इलाज समय रहते कर लिया जाए, तो इससे जुड़ी कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक उपचार इसमें बेहद सहायक हो सकते हैं, परंतु गंभीर लक्षणों के मामले में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।


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