बुधवार, 11 जून 2025

IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम): पेट की एक आम लेकिन जटिल समस्या - कारण, लक्षण और समाधान

IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) क्या है?

आज के समय में भागदौड़ भरी ज़िंदगी, गलत खान-पान और तनाव के कारण पेट से जुड़ी बीमारियाँ आम होती जा रही हैं। ऐसी ही एक आम लेकिन जटिल समस्या है IBS यानी Irritable Bowel Syndrome। यह एक गंभीर लेकिन जानलेवा न होने वाली बीमारी है, जो व्यक्ति के पाचन तंत्र को प्रभावित करती है और लंबे समय तक परेशान कर सकती है।


IBS एक फंक्शनल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है जिसमें आंतें सामान्य रूप से काम नहीं करतीं, लेकिन जांच में कोई खास संरचनात्मक समस्या नहीं मिलती। यह रोग अक्सर कब्ज, दस्त, पेट दर्द और गैस जैसी समस्याओं के रूप में सामने आता है।


IBS के मुख्य लक्षण

IBS के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसके मुख्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं:

IBS से जुड़ी पेट दर्द, गैस और कब्ज की समस्या का समाधान
IBS - आंतों की खराबी के कारण पेट में दर्द, गैस और कब्ज की समस्या

1. पेट दर्द या ऐंठन – जो मल त्याग के बाद कम हो सकता है।

2. गैस बनना और पेट फूला हुआ महसूस होना।

3. कब्ज (Constipation) या दस्त (Diarrhea) – या दोनों का एक साथ अनुभव।

4. मल का रंग, बनावट या गंध सामान्य से अलग होना।

5. अधूरा मल त्याग का अहसास।

6. थकान और नींद की कमी।


कुछ लोगों को सुबह-सुबह पेट में ऐंठन और तुरंत शौच की आवश्यकता महसूस होती है, जबकि कुछ को लगातार गैस या पेट भारी रहने की शिकायत होती है।


IBS के प्रकार

IBS को इसके लक्षणों के आधार पर तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है:


1. IBS-C (Constipation predominant) – जिसमें कब्ज प्रमुख होता है।


2. IBS-D (Diarrhea predominant) – जिसमें बार-बार दस्त होते हैं।


3. IBS-M (Mixed type) – जिसमें कब्ज और दस्त दोनों होते हैं।


IBS के कारण क्या हैं?

IBS के सटीक कारण आज भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारण माने जाते हैं:


1. आंतों की मांसपेशियों का असामान्य संकुचन:

कभी-कभी आंतें सामान्य से अधिक तेज़ या धीमी गति से सिकुड़ती हैं, जिससे गैस, दस्त या कब्ज की समस्या होती है।


2. तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी:

आंत और मस्तिष्क के बीच संचार प्रणाली की खराबी से पेट की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।


3. संक्रमण:

कभी-कभी गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे संक्रमण के बाद भी IBS विकसित हो सकता है।

4. तनाव और मानसिक स्थिति:

डिप्रेशन, एंग्जायटी, और भावनात्मक तनाव IBS को बढ़ावा देते हैं।

5. हार्मोनल असंतुलन:


महिलाओं में हार्मोनल बदलाव (जैसे पीरियड्स के दौरान) के कारण IBS के लक्षण बिगड़ सकते हैं।


IBS का निदान कैसे होता है?

IBS का कोई विशेष टेस्ट नहीं होता। डॉक्टर आमतौर पर लक्षणों के आधार पर और अन्य गंभीर बीमारियों (जैसे अल्सर, कोलाइटिस आदि) को बाहर करके इसका पता लगाते हैं। इसमें निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:


ब्लड टेस्ट

स्टूल टेस्ट

कोलोनोस्कोपी

अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन (यदि ज़रूरी हो)


IBS का इलाज क्या है?

IBS का इलाज लक्षणों पर आधारित होता है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और कुछ दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।


1. डाइट में सुधार:

फाइबर युक्त आहार लें – जैसे दलिया, फल, सब्जियाँ।

गैस बनाने वाले भोजन से बचें – जैसे छोले, राजमा, गोभी।

कैफीन, मसालेदार और तले हुए भोजन से दूरी बनाएं।

कुछ लोगों को ग्लूटन या डेयरी प्रोडक्ट से परहेज़ की ज़रूरत होती है।


FODMAP डाइट का पालन करने से राहत मिल सकती है (डॉक्टर से सलाह लें)।


2. दवाएं:

एंटी-स्पास्मोडिक दवाएं – पेट दर्द को कम करती हैं।

लैक्जेटिव्स (मल नरम करने वाली दवा) – कब्ज के लिए।

एंटी डायरीअल दवाएं – दस्त के लिए।

प्रोबायोटिक्स – आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।

मानसिक स्थिति के लिए कभी-कभी एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं भी दी जाती हैं।


3. तनाव प्रबंधन:

योग, ध्यान और प्राणायाम से IBS में बहुत लाभ होता है।

काउंसलिंग या CBT (Cognitive Behavioral Therapy) भी कारगर हो सकती है।


IBS और जीवनशैली

IBS का प्रबंधन मुख्यतः जीवनशैली में सुधार और नियमितता पर निर्भर करता है:

रोज़ एक ही समय पर भोजन करें।

खूब पानी पिएं।

नियमित व्यायाम करें।

नींद पूरी लें।

तनाव को नियंत्रित करने के उपाय अपनाएं।


IBS से जुड़े भ्रम और सच्चाई

भ्रम सच्चाई


IBS एक गंभीर बीमारी है यह तकलीफदेह ज़रूर है, लेकिन जानलेवा नहीं

IBS का कोई इलाज नहीं लक्षणों का प्रबंधन संभव है

हर पेट दर्द IBS होता है ऐसा नहीं, यह डॉक्टर की जांच से तय होता है

IBS केवल मानसिक बीमारी है मानसिक स्थिति का असर होता है, लेकिन यह शारीरिक बीमारी भी है


निष्कर्ष

IBS एक आम लेकिन जटिल पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही खान-पान, तनावमुक्त जीवनशैली और चिकित्सकीय सलाह के साथ इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको बार-बार पेट दर्द, गैस, दस्त या कब्ज की शिकायत होती है, तो डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, IBS का इलाज नहीं बल्कि प्रबंधन (Management) महत्वपूर्ण है।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें