मंगलवार, 1 जुलाई 2025

कान बहने के कारण, लक्षण, घरेलू इलाज और डॉक्टर की सलाह

 

कान बहने के कारण, लक्षण, घरेलू इलाज और डॉक्टर की सलाह

परिचय

कान हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो सुनने के साथ-साथ शरीर का संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होता है। जब कान से तरल पदार्थ, मवाद या खून निकलने लगे, तो इसे "कान बहना" कहा जाता है। यह कोई सामान्य स्थिति नहीं है और इसे नज़रअंदाज़ करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

कान बहने का घरेलू इलाज करते हुए व्यक्ति
कान से मवाद बहने की स्थिति में घरेलू इलाज आजमाएं लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


कई बार कान बहने की समस्या मामूली होती है, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर संक्रमण या अंदरूनी चोट का संकेत भी हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कान बहने के प्रमुख कारण, लक्षण, घरेलू इलाज, और यह भी समझेंगे कि कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


कान बहने के कारण

कान बहने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:


1. कान का संक्रमण (Otitis Media)

यह बच्चों में सबसे सामान्य कारण होता है। संक्रमण के कारण कान में सूजन और मवाद बनने लगता है, जिससे बहाव हो सकता है।


2. कान की सफाई में लापरवाही

अगर कान को तेज वस्तु जैसे पिन, माचिस की तीली आदि से साफ किया जाए, तो इससे कान की झिल्ली फट सकती है और कान बहने लगता है।


3. टाइम्पैनिक मेम्ब्रेन का फटना (Eardrum Perforation)

तेज आवाज़, चोट, या संक्रमण के कारण कान की झिल्ली फट सकती है, जिससे कान से मवाद या खून निकलने लगता है।


4. फंगल संक्रमण (Fungal Infection)

गर्मी और नमी में फंगल संक्रमण आम है। इससे खुजली, जलन और सफेद रंग का बहाव हो सकता है।


5. कान में फोड़ा या फुंसी

कान के अंदर यदि फोड़ा हो जाए तो वह फूटने पर मवाद निकलने लगता है।


6. चोट या एक्सिडेंट

सर या कान पर चोट लगने से भी कभी-कभी कान से खून या साफ द्रव निकल सकता है, जो कि खतरनाक संकेत है।


कान बहने के लक्षण

कान बहने के साथ कई अन्य लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं:

कान से मवाद, पानी या खून निकलना

सुनने में परेशानी

कान में दर्द या भारीपन

बुखार (अगर संक्रमण है)

सिर दर्द या चक्कर आना

कान से दुर्गंध आना

खुजली या जलन की अनुभूति


घरेलू उपचार (Home Remedies)

यदि कान बहने की समस्या बहुत गंभीर नहीं है, तो कुछ घरेलू उपायों से आराम पाया जा सकता है। हालांकि, इनका प्रयोग डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें।


1. लहसुन का तेल

लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। 2-3 लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करके छान लें। जब तेल हल्का गुनगुना हो, तो एक-एक बूंद कान में डालें। यह संक्रमण में लाभकारी होता है।


2. तुलसी का रस

तुलसी की कुछ पत्तियां पीसकर उसका रस निकालें और छानकर एक-एक बूंद कान में डालें। यह कान की जलन और दुर्गंध को दूर करता है।


3. सरसों का तेल

गुनगुना सरसों का तेल संक्रमण को कम करने में सहायक होता है। एक-एक बूंद तेल को ड्रॉपर से डालें।


4. अदरक का रस

अदरक में सूजन और दर्द को कम करने वाले तत्व होते हैं। अदरक का रस निकाल कर पतला करके इस्तेमाल करें।


5. नीम का तेल या रस

नीम का तेल फंगल संक्रमण में बहुत उपयोगी होता है। 1-2 बूंदें कान में डालना लाभकारी हो सकता है।


नोट: किसी भी घरेलू उपाय से पहले यह सुनिश्चित करें कि कान की झिल्ली फटी न हो। यदि झिल्ली फटी है तो किसी भी तरल को कान में न डालें। डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।


क्या करें और क्या न करें (Do's & Don'ts)


करें:

कान को सूखा और साफ रखें

डॉक्टर की सलाह अनुसार एंटीबायोटिक या ईयर ड्रॉप्स का उपयोग करें

ठंडी हवा और धूल-मिट्टी से कान को बचाएं

स्विमिंग करते समय ईयरप्लग्स पहनें


न करें:

खुद से कुछ भी कान में न डालें जब तक डॉक्टर की सलाह न हो

पिन, तीली, या अन्य नुकीली चीजों से कान साफ न करें

कान बहने की स्थिति में ज़्यादा देर इंतज़ार न करें

संक्रमण को नजरअंदाज न करें


डॉक्टर की सलाह कब लें?

नीचे दी गई स्थितियों में तुरंत ENT स्पेशलिस्ट (कान, नाक, गला विशेषज्ञ) से संपर्क करें:


कान से लगातार मवाद या खून आ रहा हो

कान में तीव्र दर्द या सुनाई देना बंद हो गया हो

चक्कर या संतुलन की समस्या हो

कान से बदबूदार मवाद निकल रहा हो

बुखार और थकावट महसूस हो रही हो

घरेलू उपायों से कोई लाभ न हो


डॉक्टर आमतौर पर कान की जाँच ऑटोस्कोप से करते हैं और आवश्यकता होने पर कुछ टेस्ट जैसे स्वैब टेस्ट, ऑडियोमेट्री टेस्ट या MRI/CT स्कैन भी करवा सकते हैं।


इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं, ईयर ड्रॉप्स, या जरूरत पड़ने पर सर्जरी (जैसे टाइम्पैनोप्लास्टी) की जा सकती है।


निष्कर्ष

कान बहना एक गंभीर संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है। यह संक्रमण, चोट, या अन्य कारणों से हो सकता है। घरेलू उपाय केवल शुरुआती या हल्के मामलों में ही उपयोगी होते हैं। यदि समस्या बनी रहती है या बढ़ती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


हमेशा यह याद रखें कि कान की देखभाल सीधे आपके सुनने की क्षमता से जुड़ी होती है। थोड़ी सी सावधानी और सही समय पर इलाज आपको भविष्य की जटिलताओं से बचा सकता है।


यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे दूसरों के साथ भी साझा करें और कोई भी संदेह हो तो नीचे कमेंट करें या नज़दीकी विशेषज्ञ से परामर्श लें।


अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार की दवा या घरेलू उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।



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