सोमवार, 16 जून 2025

दौरा पड़ना क्या है? कारण, लक्षण, प्रकार, इलाज और सावधानियाँ

प्रस्तावना

दौरा पड़ना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे आम भाषा में "फिट्स" या "मिर्गी" का दौरा भी कहा जाता है। यह मस्तिष्क की एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अचानक, अनियंत्रित और असामान्य शारीरिक गतिविधियाँ होने लगती हैं। कई बार व्यक्ति चेतना खो बैठता है, शरीर झटके खाने लगता है, या आँखें पलट जाती हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि दौरा पड़ना क्या होता है, इसके प्रकार, कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय क्या हैं।

दौरा पड़ने के लक्षण बताते हुए चित्र – मिर्गी या फिट्स की जानकारी"
मिर्गी या दौरा पड़ने के मुख्य लक्षणों का दृश्य विवरण


दौरा पड़ना क्या है?

दौरा पड़ना (Seizure) एक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका तंत्र से संबंधित) विकार है जिसमें मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि असामान्य हो जाती है। जब मस्तिष्क की कोशिकाएँ असामान्य रूप से सक्रिय हो जाती हैं तो यह दौरे का कारण बनता है। मस्तिष्क से शरीर को दिए जाने वाले संकेत अव्यवस्थित हो जाते हैं, जिससे शरीर पर नियंत्रण टूट जाता है और व्यक्ति को झटके आ सकते हैं, वह बेहोश हो सकता है या असामान्य व्यवहार कर सकता है।


मिर्गी (Epilepsy) और सामान्य दौरे में फर्क

हर दौरा मिर्गी नहीं होता। अगर किसी व्यक्ति को एक या दो बार दौरा पड़ा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे मिर्गी है। मिर्गी एक स्थायी और पुरानी स्थिति होती है जिसमें बार-बार दौरे आते हैं।


दौरे के प्रकार

दौरे मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:


1. फोकल सीज़र (Focal Seizure)

यह मस्तिष्क के किसी एक हिस्से में उत्पन्न होता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

शरीर के किसी एक भाग में झटके

अजीब स्वाद, गंध या दृष्टि अनुभव

मानसिक भ्रम या स्मृति में बाधा


2. जनरलाइज़्ड सीज़र (Generalized Seizure)

यह मस्तिष्क के दोनों हिस्सों में एक साथ होता है। इसके अंतर्गत कई उप-प्रकार आते हैं:

टोनीक-क्लोनीक दौरा (Grand Mal Seizure): इसमें व्यक्ति गिर जाता है, शरीर में तेज झटके आते हैं, और वह बेहोश हो सकता है।

एबसेंस सीज़र (Petit Mal): यह अक्सर बच्चों में होता है। व्यक्ति कुछ क्षणों के लिए ‘स्टेयरिंग स्पेल’ (खोया-खोया देखना) जैसी स्थिति में चला जाता है।

ऐटॉनिक सीज़र: इसमें मांसपेशियाँ अचानक ढीली पड़ जाती हैं और व्यक्ति गिर जाता है।

मायोक्लोनिक सीज़र: शरीर के किसी हिस्से में अचानक झटके लगते हैं, जैसे हाथ हिल जाना।


दौरा पडने के कारण

दौरे कई कारणों से हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

1. मस्तिष्क में चोट या ट्रॉमा

2. जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी

3. ज्यादा तेज बुखार (Febrile Seizure - बच्चों में सामान्य)

4. मस्तिष्क में ट्यूमर या संक्रमण (जैसे मस्तिष्क ज्वर)

5. मिर्गी (Epilepsy)

6. नशा या विषैले पदार्थों का सेवन

7. नींद की कमी या अत्यधिक थकावट

8. रक्त में शुगर, सोडियम या कैल्शियम का असंतुलन

9. ब्रेन स्ट्रोक

10. जेनेटिक (वंशानुगत) कारण


दौरे के लक्षण

दौरे के लक्षण व्यक्ति, प्रकार और कारण के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं, परंतु सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

अचानक बेहोशी या चेतना का जाना

शरीर में झटके या ऐंठन

आँखें पलटना या स्थिर हो जाना

मुँह से झाग आना

पेशाब या मल पर नियंत्रण न रहना

गिर पड़ना या हड़बड़ाना

अचानक डर, भ्रम या असामान्य अनुभव


दौरा पड़ने पर क्या करें?

जब किसी को दौरा पड़ जाए तो घबराएँ नहीं। नीचे दिए गए कदम उठाना चाहिए:

क्या करें:

व्यक्ति को धीरे से जमीन पर लिटा दें।

उसके आसपास से नुकीली या खतरनाक चीजें हटा दें।

सिर के नीचे कोई मुलायम चीज़ रखें।

दौरे को समय करें – कितनी देर तक चला।

दौरा बंद होने के बाद व्यक्ति को बाएँ करवट लिटाएँ (Recovery Position)।

अगर दौरा 5 मिनट से ज़्यादा चले या बार-बार हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएँ।


क्या न करें:

मुँह में चम्मच या कोई चीज न डालें।

व्यक्ति को पकड़कर रोकने की कोशिश न करें।

पानी या दवा जबरन न दें।


उपचार और प्रबंधन

दौरे के उपचार में निम्नलिखित विकल्प हो सकते हैं:

1. दवाएँ:

मिर्गी या बार-बार होने वाले दौरों के लिए डॉक्टर ऐंटी-एपिलेप्टिक ड्रग्स (AEDs) देते हैं, जैसे:

फेनोबार्बिटोन

कार्बामाज़ेपिन

वेलप्रोएट

लेवेटिरासेटम


2. सर्जरी:

यदि दवाओं से नियंत्रण न हो और मस्तिष्क के किसी विशेष हिस्से में समस्या हो तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

3. वेज़ नर्व स्टिमुलेशन (VNS):

यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो गर्दन में वेगस नर्व को उत्तेजित करता है ताकि दौरे कम हों।

4.डाइट थैरेपी (Ketogenic Diet):

कुछ बच्चों और वयस्कों में कीटो डाइट (अधिक वसा, कम कार्बोहाइड्रेट) दौरे में सुधार लाती है।


बचाव और सावधानियाँ

दवाओं का नियमित सेवन करें, बिना डॉक्टर की सलाह के न रोकें।

नीद पूरी लें और तनाव से बचें।

तेज रोशनी (फ्लिकरिंग लाइट्स) से बचें।

नशे से दूर रहें।

हेलमेट पहनकर यात्रा करें – सिर की चोट से बचाव के लिए

एक मेडिकल ID कार्ड या ब्रेसलेट रखें जिसमें आपकी हालत और दवाइयाँ लिखी हों।


सामाजिक भ्रांतियाँ और जागरूकता

भारत सहित कई देशों में मिर्गी और दौरे को लेकर कई प्रकार की सामाजिक भ्रांतियाँ और अंधविश्वास जुड़े हुए हैं, जैसे

दौरे को भूत-प्रेत का असर मानन

झाड़-फूँक करन

मुँह में जूता डालन

इन अंधविश्वासों से दूर रहना और वैज्ञानिक चिकित्सा अपनाना बेहद जरूरी है। जागरूकता और समझदारी से ही इस बीमारी का सही प्रबंधन किया जा सकता है।

निष्कर्ष

दौरा पड़ना एक आम लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। इसका सही समय पर इलाज और सावधानी से प्रबंधन करने पर व्यक्ति एक सामान्य, स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकता है। समाज में इसकी जागरूकता फैलाना और भ्रमों को दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है। दौरा पड़ने पर घबराएँ नहीं, समझदारी से काम लें और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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